गाँव का शापित कुआं (The Cursed Well of the Village)


Part 1: प्रवेश गाँव की कहानी (The Story of the Village)

प्राचीन काल में, उत्तर भारत के एक छोटे से गाँव ‘भानपुर’ की कहानी है। यह गाँव काफी समृद्ध और शांतिपूर्ण था। लेकिन गाँव के बीचों-बीच एक पुराना कुआं था जिसे ‘शापित कुआं’ कहा जाता था। लोग कहते थे कि इस कुएं के अंदर बुरी आत्माएं रहती हैं। कोई भी इसके पास नहीं जाता था, क्योंकि इस कुएं के पास जाने वाले कई लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी।

English: In the ancient times, there was a small village named ‘Bhanpur’ in northern India. It was a prosperous and peaceful village. But in the middle of the village, there was an old well called the ‘Cursed Well.’ People said that evil spirits lived inside it. Many who went near the well mysteriously died.

शापित कुआं

Part 2: कुएं के रहस्य (The Mystery of the Well)

कहा जाता है कि वर्षों पहले, गाँव के राजा ने एक विशाल कुआं खुदवाया था। लेकिन जैसे ही कुएं से पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई, अजीब घटनाएँ घटने लगीं। गाँव के कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने कुएं के अंदर से किसी औरत की चीखें सुनी हैं। कुछ लोगों ने वहां छाया देखी थी जो अचानक गायब हो जाती थी।

गाँव के बड़े-बुजुर्गों ने कहा कि यह कुआं किसी पुरानी आत्मा का घर बन गया है। इसीलिए कुएं को बंद कर दिया गया, और उसके चारों ओर मोटी दीवार बना दी गई। गाँव के लोग अब इस कुएं के पास भी नहीं फटकते थे।

English: It is said that years ago, the village’s king had a huge well dug. But as soon as the process of drawing water from the well began, strange things started happening. Some villagers claimed to have heard the screams of a woman from inside the well. Others saw shadows that disappeared quickly.
The elders of the village said that the well had become the home of an ancient spirit. So, the well was sealed with a thick wall, and no one dared to go near it.


Part 3: साहसी मोहन (The Brave Mohan)

मोहन, गाँव का एक युवा लड़का, बहुत साहसी था। वह डर पर विश्वास नहीं करता था। उसने गाँव के बड़े बुजुर्गों की बातों को सिर्फ कहानियाँ समझा। एक दिन, मोहन ने ठान लिया कि वह इस शापित कुएं के बारे में सच्चाई का पता लगाएगा। उसने अपने कुछ दोस्तों से कहा, लेकिन वे डर के मारे उसके साथ जाने को तैयार नहीं हुए।

उस रात, मोहन अकेले ही कुएं के पास गया। चारों ओर अंधेरा था और कुएं के पास अजीब सी सन्नाटी थी। लेकिन मोहन के चेहरे पर कोई डर नहीं था। उसने कुएं की मोटी दीवारों को देखा और धीरे से कुएं के पास जाकर उसके अंदर झाँकने लगा।

English: Mohan, a young boy in the village, was very brave. He didn’t believe in fear. He thought the elders’ stories were just tales. One day, he decided to uncover the truth about the cursed well. He told some of his friends, but they were too scared to go with him.
That night, Mohan went to the well alone. The darkness surrounded him, and there was an eerie silence near the well. But Mohan wasn’t afraid. He looked at the thick walls around the well and slowly approached it, peeking inside.


Part 4: भयानक रात (The Terrifying Night)

जैसे ही मोहन ने कुएं में झाँका, उसे कुछ हलचल दिखाई दी। कुएं के गहरे पानी में कुछ चमक रहा था। अचानक, ठंडी हवा का एक झोंका आया, और मोहन ने कुएं के अंदर से किसी के रोने की आवाज़ सुनी। उसकी रीढ़ की हड्डी में सिहरन दौड़ गई। उसने पीछे मुड़कर भागना चाहा, लेकिन तभी कुएं के अंदर से एक हाथ निकला और मोहन की कलाई पकड़ ली।

मोहन चिल्लाने लगा, लेकिन उसकी आवाज़ दब गई। उस हाथ की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वह हिल भी नहीं सका। धीरे-धीरे वह हाथ मोहन को कुएं के अंदर खींचने लगा। मोहन ने अपनी पूरी ताकत लगाई, लेकिन उसकी पकड़ छूट गई। वह कुएं के अंदर गिरने ही वाला था कि अचानक वह हाथ गायब हो गया। मोहन बुरी तरह घबराया और जितनी तेजी से हो सका, गाँव की ओर भागा।

English: As soon as Mohan looked into the well, he saw something moving. There was a faint glow in the deep water. Suddenly, a cold gust of wind blew, and Mohan heard someone crying from inside the well. A chill ran down his spine. He wanted to turn around and run, but then a hand emerged from the well and grabbed his wrist.
Mohan screamed, but his voice was muffled. The grip of the hand was so strong that he couldn’t move. Slowly, the hand started pulling Mohan into the well. He struggled with all his might, but he was about to fall when suddenly, the hand disappeared. Terrified, Mohan ran as fast as he could towards the village.


Part 5: डर की परछाई (The Shadow of Fear)

अगली सुबह, मोहन ने गाँव के सरपंच को अपनी आपबीती सुनाई। सरपंच ने गाँव के पुजारी को बुलाया। पुजारी ने कहा, “यह आत्मा उस कुएं में कई सालों से कैद है। इसे मुक्ति चाहिए, और इसे शांत करने के लिए एक विशेष पूजा करनी होगी।”
गाँव के लोगों ने मिलकर उस कुएं की पूजा करने का निश्चय किया। मोहन अब भी डर से काँप रहा था, लेकिन उसने हिम्मत दिखाई और पुजारी की सहायता करने के लिए तैयार हो गया। गाँव के सारे लोग इकट्ठे हुए और कुएं के पास पूजा शुरू की।

English: The next morning, Mohan told the village chief about his terrifying experience. The chief called the village priest. The priest said, “The spirit has been trapped in that well for many years. It needs peace, and we must perform a special ritual to calm it.”
The villagers decided to hold a ritual for the well. Mohan was still shaken but showed courage and agreed to help the priest. All the villagers gathered near the well, and the ritual began.


Part 6: मुक्ति की प्रार्थना (The Prayer for Liberation)

पूजा के दौरान, अचानक कुएं के अंदर से चीखों की आवाजें फिर से सुनाई देने लगीं। गाँव के लोग डर गए, लेकिन पुजारी ने सभी को शांत रहने को कहा। उसने मंत्र पढ़ने शुरू किए। धीरे-धीरे चीखें शांत हो गईं। तभी एक सफेद रोशनी कुएं के ऊपर दिखाई दी। यह वही आत्मा थी जो सालों से कुएं में कैद थी।
पुजारी ने कहा, “अब इसे मुक्ति मिल गई है। यह अब गाँव को परेशान नहीं करेगी।” गाँव के लोग राहत की सांस ली और कुएं को हमेशा के लिए बंद कर दिया।

English: During the ritual, the screams from the well returned. The villagers were scared, but the priest asked everyone to stay calm. He started chanting mantras. Slowly, the screams faded away. Suddenly, a white light appeared above the well. It was the spirit that had been trapped for years.
The priest said, “It is free now. It will not trouble the village anymore.” The villagers sighed with relief and sealed the well forever

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