हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व Makar sankranti kab hai:
Makar sankranti kab hai:
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे दक्षिणायन समाप्त होकर उत्तरायण का आरंभ होता है। यह दिन नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक माना जाता है।
मकर संक्रांति 2025, मंगलवार, 14 जनवरी को मनाई जाएगी (makar sankranti kab hai)
मुहूर्त:
- स्नान-दान का शुभ मुहूर्त: सुबह 09:03 से शाम 05:46 तक
- महापुण्य काल: सुबह 09:03 से सुबह 10:48 तक
मकर संक्रांति के दिन किए जाने वाले कार्य
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं। आइए जानते हैं इस पर्व के दिन क्या-क्या किया जाता है:
- गंगा स्नान:
- धार्मिक महत्व: गंगा नदी को पवित्र माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन शुद्ध होता है।
2. सूर्य देव की पूजा:
- विधि: सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल अर्पित किया जाता है। जल में कुमकुम, अक्षत और लाल फूल डालकर “ॐ घृणिं सूर्याय नमः” मंत्र का जाप किया जाता है।
3. दान-पुण्य:
- महत्व: दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- दान: तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र आदि का दान किया जाता है।
4.पतंग उड़ाना:
- सांस्कृतिक महत्व: पतंग उड़ाना मकर संक्रांति का एक लोकप्रिय रीति-रिवाज है।
- : इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि लोग खुशी-खुशी पतंग उड़ा रहे हैं।
मकर संक्रांति और गंगा स्नान:
मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में गंगा नदी को पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि गंगा स्नान से पापों का नाश होता है और मन शुद्ध होता है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
- प्रयागराज में कुंभ मेला: मकर संक्रांति के दिन प्रयागराज में कुंभ मेला का आयोजन किया जाता है। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। लाखों लोग गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंचते हैं।
- दान-पुण्य: इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
मकर संक्रांति का महत्व:
- धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन दान-पुण्य करना, स्नान करना और सूर्य देव की पूजा करना शुभ माना जाता है।
- कृषि महत्व: किसानों के लिए यह पर्व बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन किसान अपनी फसल की कटाई करके भगवान को धन्यवाद देते हैं और नई फसल की उम्मीद करते हैं।
- सांस्कृतिक महत्व: मकर संक्रांति भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। लोग रंगोली बनाते हैं, पतंग उड़ाते हैं, और विशेष व्यंजन बनाते हैं।
मकर संक्रांति का समापन:
मकर संक्रांति का पर्व पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन नए साल की शुरुआत का प्रतीक है और लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।ध्यान दें: यह जानकारी सामान्य ज्ञान और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।